सास - बहू | डॉ सपना दलवी



मां जैसी सास होगी

तो दुनियां पलट जायेगी

बेटी जैसी बहु होगी

तो किस्मत बदल जायेगी

बहु से उम्मीद करते हो

बेटी बन कर घर सवारें

पहले खुद मां बन कर

बहु के सर पर हाथ तो फेरो

बहु से उम्मीद करते हो

वो सबको समझे

पहले खुद परायों के बीच आई

उस बहू को तो समझो

बेटे बहु को सुखी देखना चाहते हो

तो उनके बीच झगड़े का

जाल तो ना बुनों

कहने मात्र की बात है

हमारी बहु बेटी जैसी

पर किया क्या है बेटी जैसा

यह तो सोचो

सारी उम्मीदें बहु से रखते हो

पहले यह तो देखो

किया क्या है बेटे ने

ना कुछ समझ पाओ तो

सिर्फ़ इतना सोचो

सास भी कभी बहू थी

फिर भी ना समक्ष पाओ तो

बेटों की शादी मत करो

परायों की लड़कीयों को

मत मारो,मत जलाओ

   

            डॉ. सपना दलवी

                         (कर्नाटक)

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