संभल जाता है "
एक युवा गिरता है संभल जाता है-
जब वह अपने घर से निकल जाता है ।
सीखता है जिंदगी जीने के नए तरीके-
टूटता है बिखरता है और संभल जाता है।
जब वो देखता है रंगों से भरी दुनिया को -
अहसास करता है और यूं मचल जाता है ।
जब वो देखता है टूटी हुई जिंदगी को -
मुस्कुराता है रूठकर सहम जाता है ।
दर्द हंसी गम मुस्कुराहट क्या क्या है जनाब-
बहुत सोचता है 'राहुल ' और संभल जाता है ॥
~राहुल प्रजापति (मथुरा )